SCHOOL MANAGEMENT
श्री सुभाषचंद्र s/o श्री मनफूल राम सहारण
मोबाइल नम्बर - 9414203127
अध्यक्ष की कलम से :-
मानव मस्तिष्क नकारात्मक और सकारात्मक दोनों भावों से युक्त होता है। नकारात्मक भावों से जहाँ विनाशकारी गतिविधियाँ संचालित होती हैं, सकारात्मक भवों से नवसृजन की सुखद रचनाएँ प्रस्फुटित होती हैं। बाल्यकाल निर्माण का काल है, बच्चे की प्रथम शिक्षिका उसकी माँ और प्रथम विद्यालय उसका घर होता है। बच्चे में कैसे भावों का विकास हो रहा है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी परवरिश किन परिस्थितियों में हो रही है। यहीं से बात प्रारम्भ होती है- हमारी पारिवारिक व्यवस्था की, व्यक्तित्व की, सत् संस्कारों की। संस्कार से ही बच्चे के विचार एवं व्यवहार नियन्त्रित होते हैं। अतः जैसे संस्कार उसे दिये जायेंगें, उसी के अनुरूप उसके विचार होंगे।
अधिकतम भौतिक संसाधनों को प्राप्त करने की आपा-धापी के कारण परिवार विघटित होते जा रहे हैं। विघटित परिवार के बच्चे यदि समाज में विघटन की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं तो आश्चर्य नहीं करना चाहिए।
माता-पिता बनने का सुख प्राप्त करने के लिए मात्र बच्चे को जन्म देना ही पर्याप्त नहीं होता, अपितु उसके सर्वागीण विकास का कर्तव्य भी निभाना पड़ता हैं। बच्चे के प्रति दोनों का प्यार भरा सहयोगात्मक दृष्टिकोण ही बच्चे को सुविकास के पथ पर अग्रसर करता है।
दूसरा प्रमुख दायित्व विद्यालयों का है। अंग्रेजी माध्यम से पढ़ा देने मात्र से बच्चे सुसंस्कारी बनते तो आज पाश्चात्य देशों में बाल-अपराधों की संख्या इतनी बढ़ी न होती।
अधिकतम भौतिक संसाधनों को प्राप्त करने की आपा-धापी के कारण परिवार विघटित होते जा रहे हैं। विघटित परिवार के बच्चे यदि समाज में विघटन की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं तो आश्चर्य नहीं करना चाहिए।
माता-पिता बनने का सुख प्राप्त करने के लिए मात्र बच्चे को जन्म देना ही पर्याप्त नहीं होता, अपितु उसके सर्वागीण विकास का कर्तव्य भी निभाना पड़ता हैं। बच्चे के प्रति दोनों का प्यार भरा सहयोगात्मक दृष्टिकोण ही बच्चे को सुविकास के पथ पर अग्रसर करता है।
दूसरा प्रमुख दायित्व विद्यालयों का है। अंग्रेजी माध्यम से पढ़ा देने मात्र से बच्चे सुसंस्कारी बनते तो आज पाश्चात्य देशों में बाल-अपराधों की संख्या इतनी बढ़ी न होती।
सुभाषचंद्र सहारण
अध्यक्ष
सरस्वती शिक्षण संस्था
2. Secretary ( सचिव )
श्रीमती सुमित्रा w/o प्रतापसिंह सहारण
मोबाइल नम्बर - 9828444150
सचिव की कलम से :-
शिक्षा सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सफलता और सुखी जीवन प्राप्त करने के लिए जिस तरह स्वस्थ्य शरीर के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, उसी तरह ही उचित शिक्षा प्राप्त करना बहुत आवश्यक है। शानदार और बेहतर जीवन जीने के लिए यह बहुत आवश्यक है। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करके, शारीरिक और मानसिक मानक प्रदान करती है और लोगों के रहने के स्तर को परिवर्तित करती है।
यह शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रुप से अच्छा होने के साथ ही बेहतर जीवन जीने के अहसास को बढ़ावा देती है। अच्छी शिक्षा की प्रकृति रचनात्मक होती जो हमेशा के लिए हमारे भविष्य का निर्माण करती है। यह एक व्यक्ति को उसके मानसिक, शारीरिक और आत्मिक स्तर को सुधारने में मदद करती है। यह हमें बहुत से क्षेत्रों का ज्ञान प्रदान करके बहुत सा अत्मविश्वास प्रदान करती है। यह सफलता के साथ ही व्यक्तिगत विकास का भी एकल और महत्वपूर्ण मार्ग हैं।
सुमित्रा
सचिव
सरस्वती शिक्षण संस्था
भानगढ़ त.- भादरा
3. Treasure ( कोषाध्यक्ष )
श्री रोहिताष s/o श्री मनफूल
मोबाइल नंबर - 8802886680
कोषाध्यक्ष की कलम से :-
शिक्षा हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे माता-पिता हमें घर पर ही बहुत सी चीजें सिखाते हैं और फिर 3 साल का होने के बाद स्कूल भेजते हैं। हमारा घर ही हमारा पहला शैक्षणिक संस्थान है, जहाँ हम दूसरों के साथ व्यवहार करना, और अन्य कौशलों को सीखते हैं हालांकि, व्यवहारिक जीवन में सफल होने के लिए स्कूल की शिक्षा बहुत आवश्यक है।स्कूली शिक्षा के माध्यम से ही, हम व्यक्तित्व, मानसिक कुशलता, नैतिक और शारीरिक शक्ति का विकास करना सीखते हैं। बिना उचित शिक्षा के, एक व्यक्ति अपने जीवन के सभी शैक्षिक लाभों से वंचित रह जाता है। शिक्षा निजी और पेशेवर जीवन में सफलता की इकलौती कुंजी है। शिक्षा हमें विभिन्न प्रकार का ज्ञान और कौशल को प्रदान करती है। यह सीखने की निरंतर, धीमी और सुरक्षित प्रक्रिया है, जो हमें ज्ञान प्राप्त करने में मदद करती है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जो हमारे जन्म के साथ ही शुरु हो जाती है और हमारे जीवन के साथ ही खत्म होती है।
रोहिताष
कोषाध्यक्ष
सरस्वती शिक्षण संस्था
श्री प्रतापसिंह सहारण
मोबाइल नंबर - 9772657778
Principal की कलम से :-
हमारे भविष्य के निर्माण और पेशेवर कैरियर को आकार देने में अच्छी और उचित शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह हमारे व्यक्तित्व का विकास करने और परिवार और समाज में पहचान और सम्मान प्राप्त करने में मदद करती है। हम यह कह सकते हैं कि, शिक्षा सामाजिक और वैयक्तिक मानव जीवन का एक आवश्यक भाग है। हम अपने जीवन में शिक्षा के महत्व को किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं कर सकते। जैसा कि हम समाज में निरंतर देखते हैं कि बहुत से सामाजिक मुद्दे केवल उचित शिक्षा की कमी के कारण पैदा हो रहे हैं। सामाजिक मुद्दे जैसे: असमानता, लिंग असमानता, धार्मिक भेदभाव, और भी बहुत सी समस्याएं हमारे जीवन में केवल शिक्षा की कमी के कारण है। उचित शिक्षा हमारे दैनिक जीवन में वैयक्तिक और सामाजिक मानकों को बनाये रखने में मदद करती है।
इस आधुनिक, तकनीकी और तुलनात्मक दुनिया में, समाज में अभी भी अशिक्षित और गरीब लोगों के बीच शिक्षा एक मुद्दा है, जिसे शीघ्र अति शीघ्र सुलझाने की अवश्यकता है। लोगों के लिए शिक्षा सभी सामाजिक, वैयक्तिक और व्यावसायिक समस्याओं का हल है। उचित और उच्च शिक्षा हमें समाज में रहने के लिए और अधिक सभ्य बनाती है। उचित शिक्षा प्राप्त किए बिना कोई भी समाज में अपनी अच्छी छवि और समृद्ध व सुखी जीवन नहीं बना सकता। यह हमें स्वस्थ्य वातावरण बनाये रखने में सक्षम करती है।
Principal
सरस्वती आदर्श विद्या मन्दिर
Comments
Post a Comment